Doha Attack: हमास… एक ऐसा संगठन है जो पहले क़तर के लिए ताकतवर साथी था। लेकिन 2023 में हमास के हमले में 1,200 इज़राइली मारे गए। सैंकड़ों बंदी बनाए गए... इसके बाद इज़राइल ने ग़ज़ा पर बड़ा हमला शुरू कर दिया। क़तर ने इस संकट में बीच-बचाव की कोशिश की – बंदियों की रिहाई कराई, बातचीत कराई… यहां तक कि जनवरी 2025 में युद्धविराम का समझौता भी कराया गया। लेकिन इसके बाद बातचीत आगे नहीं बढ़ी... <br />विश्लेषक मोसाब हसन यूसुफ का कहना है – ‘हमास अब क़तर के लिए बोझ बन गया। पहले जहाँ क़तर बातचीत कर फायदा उठा रहा था, अब वही परेशानी बन चुका था। जैसे ही हमास मदद से ज्यादा दिक्कत बन गया, क़तर ने उसे छोड़ दिया। क़तर ने हमास से कहा नए युद्धविराम प्रस्ताव पर ध्यान दो। लेकिन उसी समय इज़राइली हमला कर दिया गया। क्या यह महज़ संयोग था? या तीनों देशों – इज़राइल, अमेरिका और क़तर – के हित एक जगह आ मिले थे? कहा जाता है – ‘क़तर चुपचाप निकलना चाहता था, ट्रंप युद्ध खत्म करना चाहते थे, और इज़राइल हमास (Israel Hamas Conflict) को तोड़ देना चाहता था।’” <br /> <br />#DohaAttack #IsraelHamasConflict #QatarPolitics #MiddleEastCrisis #GlobalSecurity #Geopolitics #HiddenAgenda #InternationalRelations #Hamas #Israel<br /><br />~HT.410~ED.108~GR.124~
